ॐ जय माँ गंगे ॐ
पूजा पद्यति
माँ गंगा के कपाट प्रातः चार बजे ब्रम्हमुहूर्त में खोल दिए जाते है। और पर्दा लगा कर चार (4) बजे से छः (6) बजे तक माँ का अभिषेक पूजा श्रीसूक्त हेतु वेद मंत्रो से की जाती है। ठीक छः बजे प्रातः माँ गंगा की मंगल आरती होती है। ठीक नौ बजे (9) माँ गंगा को राज भोग अर्पित किया जाता है। ठीक दो बजे (2) स्नान होता है तीन(3) बजे तक। ठीक छः बजे सायं कालीन आरती हेतु पर्दे लग जाते है। ठीक सात बज कर 45 मिनट पर श्री गंगा जी की सायं कालीन आरती होती है और ठीक 8 बज कर 30 मिनट पर माँ गंगा को भोग अर्पित किया जाता है और ठीक 9 बज कर 30 मिनट पर कपाट बंद कर दिए जाते है। इसके अतिरिक्त निम्न पूजाये दिन में श्रद्धालुओं द्वारा की जाती है।
दान देने हेतु धनराशि